उमरिया: मध्य प्रदेश के प्रसिद्ध बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व क्षेत्र में हाल ही में 8 जंगली हाथियों की मौत का मामला सामने आया है, जबकि 2 हाथियों की हालत गंभीर बनी हुई है। यह घटनाक्रम उस समय शुरू हुआ जब हाथियों ने किसानों की कोदो की फसल को खाने का प्रयास किया।
हाथियों की मौत का आंकड़ा
बांधवगढ़ में जंगली हाथियों की मौत की संख्या बढ़ती जा रही है। अब तक 8 हाथियों की मौत हो चुकी है, और 2 अन्य हाथियों की स्थिति चिंताजनक है। इस स्थिति पर नजर रखने के लिए टाइगर रिजर्व की टीम और पशु चिकित्सकों की एक विशेष टीम मौके पर है।
हाथियों का आगमन
लगभग 6 वर्ष पहले, उड़ीसा से छत्तीसगढ़ की दिशा में चलते हुए लगभग 60 से 70 हाथियों का एक समूह बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में आ गया था। इस इलाके के हरे-भरे जंगलों ने इन हाथियों को आकर्षित किया, और वे यहां स्थायी रूप से बस गए। हालाँकि, इन हाथियों ने कई बार किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचाया, जिससे स्थानीय निवासियों में चिंता बढ़ गई थी।
घटना का विवरण
हाल ही में, 13 हाथियों का एक समूह बगैहा और बड़वाही होते हुए सलखनिया बीट के कक्ष R F 385 और P F 183A में पहुंचा। 28 तारीख की रात में ये हाथी किसानों की कोदो की फसल में घुस गए और उन्हें खाने लगे। अगले दिन, चार हाथियों की मृत अवस्था में खोज हुई। जब गश्ती दल ने उन्हें देखा, तो अधिकारियों को सूचित किया गया। रात को जब तक चिकित्सा दल पहुंचा, तब तक दो और हाथियों की मौत हो चुकी थी। अगले दिन, एक और हाथी की मौत हुई, और फिर शाम को एक और हाथी ने दम तोड़ दिया।
वन मंत्री की प्रतिक्रिया
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रदेश के वन मंत्री राम निवास रावत ने ट्विटर पर दुख व्यक्त किया और घटना की जांच के लिए एक विशेष जांच टीम (SIT) गठित करने का निर्देश दिया। SIT की टीम तत्काल बांधवगढ़ पहुंच गई और मामले की जांच शुरू कर दी।
पार्क प्रबंधन की प्रतिक्रिया
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के उप संचालक प्रकाश कुमार वर्मा ने बताया कि अभी तक 8 हाथियों की मौत हो चुकी है, और 2 की हालत गंभीर है। सभी की मौत का संभावित कारण कोदो की फसल बताया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उनकी टीम और डॉक्टर इस मामले की विस्तृत जांच में जुटे हुए हैं। भोपाल से विशेष टास्क फोर्स (STF) और वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो (WCCB) की टीमें भी मदद के लिए आई हैं।
स्थानीय किसानों की राय
ग्राम भनपुरा के एक बुजुर्ग किसान मनोहर सिंह का मानना है कि यह कोई नई बात नहीं है। उनका कहना है कि जब फसल में सांप का जोड़ा मेटिंग के दौरान लोटता है, तो फसल जहरीली हो जाती है। इसके कारण जानवरों को नुकसान उठाना पड़ता है। उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र में कई बार ऐसा हुआ है कि किसान की फसल खाने के कारण बैल भी मरे हैं।
फसल की जहरीलापन के कारण
पुराने किसानों का कहना है कि यदि फसल में नाग-नागिन का जोड़ा मेटिंग के दौरान घूमता है, तो उस क्षेत्र की फसल जहरीली हो जाती है। यही कारण हो सकता है कि जिन हाथियों ने कोदो की फसल खाई, उनकी मौत हो गई, जबकि जो हाथी फसल नहीं खा पाए, वे सुरक्षित हैं। हालांकि, इस मामले की पूरी जानकारी पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही स्पष्ट होगी।
मृत हाथियों का अंतिम संस्कार
पार्क प्रबंधन मृत हाथियों का पोस्टमार्टम करवा रहा है। इसके बाद, उन्हें दफनाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इसके लिए दो जेसीबी मशीनों का उपयोग किया जाएगा ताकि उचित तरीके से हाथियों को दफनाया जा सके।
जंगली हाथियों की मौत का मामला बना चिंता जनक
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में हाथियों की मौत का मामला एक गंभीर चिंता का विषय है। वन प्रबंधन, स्थानीय किसान और वन मंत्री सभी इस समस्या के समाधान की दिशा में काम कर रहे हैं। यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों और जंगली जानवरों और मानवों के बीच संतुलन बना रहे।
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