- टर्की का आतंकवाद समर्थन: भारत के खिलाफ ड्रोन हमलों में भूमिका
- कश्मीर पर पाकिस्तान का साथ: टर्की का भारत विरोधी रुख उजागर
- आपका टूरिज्म पैसा बनता है हथियार: 6640 करोड़ से टर्की फंड करता आतंक
Boycott Turkey: सोशल मीडिया पर इन दिनों “बॉयकॉट टर्की” का ट्रेंड खूब जोर पकड़ रहा है। लोग गुस्से में पोस्ट डाल रहे हैं, ट्वीट कर रहे हैं, और कह रहे हैं कि भारत को टर्की के साथ सारे रिश्ते खत्म कर देने चाहिए। लेकिन आखिर बात क्या है? क्यों इतना हंगामा मचा हुआ है? चलिए, इसे तीन आसान कारणों से समझते हैं कि आखिर कुछ लोग टर्की को नजरअंदाज करने की बात क्यों कर रहे हैं।
1. टर्की का आतंकवादी देशों को समर्थन
पहली वजह है टर्की का उन देशों से दोस्ती करना, जिन्हें आतंकवाद का साथ देने के लिए जाना जाता है। कई लोगों का मानना है कि टर्की ऐसे राष्ट्रों का सपोर्ट करता है, जो दुनियाभर में शांति के लिए खतरा बने हुए हैं। अब भारत की बात करें तो हम खुद सालों से आतंकवाद से जूझ रहे हैं। ऐसे में अगर टर्की आतंकवाद को बढ़ावा देने वालों का साथ देता है, तो ये भारत के लिए चिंता की बात है। लोग कहते हैं कि ऐसा देश जो हमारे दुश्मनों का दोस्त हो, उसे हमारा पैसा या समर्थन क्यों मिलना चाहिए?
2. ड्रोन हमलों में टर्की की भूमिका
दूसरी बड़ी वजह है ड्रोन का मामला। पिछले कुछ समय में पाकिस्तान की ओर से भारत पर सैकड़ों ड्रोन हमले हुए हैं। और दावा ये है कि ये हाई-टेक ड्रोन टर्की से आए थे। सोचिए, अगर ये सच है तो कितना गंभीर मसला है! कोई भी देश नहीं चाहेगा कि उसका पड़ोसी या उसका दोस्त ऐसी चीजों में शामिल हो, जो उसे नुकसान पहुंचाए। भारतीयों को लगता है कि टर्की ने अप्रत्यक्ष रूप से इन हमलों में हाथ बंटाया है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या हमें ऐसे देश को सपोर्ट करना चाहिए, जो हमारे खिलाफ हथियार उठाने में मदद कर रहा हो?
3. कश्मीर मुद्दे पर टर्की का रुख
तीसरा कारण है कश्मीर। ये भारत के लिए बेहद संवेदनशील मुद्दा है, लेकिन टर्की ने हमेशा इस पर पाकिस्तान का साथ दिया है। चाहे संयुक्त राष्ट्र हो या कोई और अंतरराष्ट्रीय मंच, टर्की खुलकर पाकिस्तान की बात को आगे बढ़ाता है। भारत इसे अपने आंतरिक मामलों में दखल मानता है। अब कोई देश अगर भारत की संप्रभुता का सम्मान नहीं करता और हमारे खिलाफ स्टैंड लेता है, तो उसे दोस्त कैसे माना जाए? यही वजह है कि कई भारतीय टर्की से नाराज हैं और कहते हैं कि इसे सबक सिखाने का वक्त आ गया है।
टूरिज्म का पैसा और टर्की का खेल
अब बात करते हैं पैसे की। पिछले तीन सालों में भारतीय पर्यटकों ने टर्की में करीब 6,640 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। ये कोई छोटी रकम नहीं है! लेकिन कुछ लोगों का कहना है कि यही पैसा टर्की आतंकवाद को फंड करने में इस्तेमाल कर रहा है। यानी आप टर्की घूमने जाते हैं, वहां की खूबसूरती देखते हैं, शॉपिंग करते हैं, और वो पैसा कहीं न कहीं उन ड्रोनों को बनाने में लगाया जाता है, जो बाद में पाकिस्तान को दिए जाते हैं। फिर वही ड्रोन भारत पर हमले करते हैं। ये सोचकर ही गुस्सा आता है कि आपकी जेब से निकला पैसा आपके ही देश के खिलाफ इस्तेमाल हो रहा है।
तो क्या करें? टर्की जाएं या नहीं?
“बॉयकॉट टर्की” का ये अभियान इसी बात को लेकर है। लोग कह रहे हैं कि हमें टर्की की सैर बंद कर देनी चाहिए, ताकि हमारा पैसा गलत हाथों में न जाए। अब सवाल आपके सामने है—इतना सब जानने के बाद क्या आप टर्की घूमने का प्लान बनाएंगे? अगर आपने पहले से टिकट बुक कर लिया है, तो क्या उसे कैंसिल करने का मन है? ये फैसला आपका है, लेकिन सोचने वाली बात है कि हमारा एक कदम देश के हित में कितना बड़ा बदलाव ला सकता है।
आपकी राय क्या है?
इस मुद्दे पर हर भारतीय को सोचना चाहिए। टर्की का रवैया अगर भारत के खिलाफ है, तो क्या हमें उसे अपने टूरिज्म और पैसे से ताकत देनी चाहिए? इस खबर को अपने दोस्तों और परिवार के साथ शेयर करें। उनसे पूछें कि वो क्या सोचते हैं। शायद हम सब मिलकर एक सही दिशा में कदम उठा सकें।