मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले की विमलबाई पति श्यामराव कुंभी पिछले तीन वर्षों से संबल योजना के तहत मिलने वाले लाभ के लिए दर-दर भटक रही हैं। अपने बेटे जितेंद्र श्यामराव की मृत्यु के बाद से, वह इस योजना के लाभ के लिए पात्र हैं, लेकिन उन्हें अभी तक कोई सहायता नहीं मिल पाई है।
विमलबाई स्वयं वृद्धावस्था में हैं और हाथ मजदूरी करके अपना गुजारा करती हैं। उनके पास कोई सहारा नहीं है। इस बीच, उन्हें शासन प्रशासन द्वारा लाभान्वित सर्टिफिकेट भी दिया गया था, लेकिन उन्हें आज तक इस योजना का लाभ नहीं मिला है।
भीम आर्मी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने इस मामले में जानकारी देते हुए बताया कि इस तरह के कई मामले जिले में हैं, जहां लोग योजनाओं का लाभ लेने के लिए अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उन्हें कोई सफलता नहीं मिल रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारी लोगों को गुमराह करते हैं और उन्हें झूठे आश्वासन देते हैं।
फर्जीवाड़ा का आरोप
भीम आर्मी के नेता ने आरोप लगाया कि शासन प्रशासन द्वारा फर्जी सर्टिफिकेट देकर लोगों को गुमराह किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विमलबाई जैसे कई लोग ऐसे हैं, जिन्हें सर्टिफिकेट दिए गए हैं, लेकिन उन्हें योजना का लाभ नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि यह एक बड़ा घोटाला है और सरकार को इस मामले में कार्रवाई करनी चाहिए।
गरीबों के साथ अन्याय
भीम आर्मी के नेता ने कहा कि सरकार गरीबों के साथ अन्याय कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार को गरीबों के हितों की रक्षा करनी चाहिए और उन्हें योजनाओं का लाभ दिलाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार को इस मामले में गंभीरता से लेनी चाहिए और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।
विमलबाई की पीड़ा
विमलबाई ने बताया कि वह बहुत परेशान हैं। उन्होंने कहा कि वह कई बार अधिकारियों के पास गईं, लेकिन उन्हें कोई मदद नहीं मिली। उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं पता कि उन्हें कब यह पैसा मिलेगा।
प्रशासन की चुप्पी
इस मामले में प्रशासन की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
फैक्ट फाइल
- विमलबाई पति श्यामराव कुंभी, बुरहानपुर जिले की रहने वाली हैं।
- उनके बेटे जितेंद्र श्यामराव की मृत्यु हो चुकी है।
- वह संबल योजना के तहत लाभ लेने की पात्र हैं।
- उन्हें लाभान्वित सर्टिफिकेट दिया गया था, लेकिन उन्हें अभी तक कोई लाभ नहीं मिला है।
- भीम आर्मी ने इस मामले में गंभीर आरोप लगाए हैं।
क्या विमलाबाई को न्याय मिल पाएगा
विमलबाई का मामला प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती है। क्या सरकार इस मामले में गंभीरता से कार्रवाई करेगी और विमलबाई को न्याय दिलाएगी? यह देखना बाकी है।
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