- धार जिले में लोकायुक्त पुलिस ने आरक्षक अशोक मौर्य को 30 हजार की रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़ा।
- शिकायतकर्ता से पहले 20 हजार रुपए वसूले, फिर गाड़ी और मोबाइल रोककर 30 हजार की और मांग की।
- लोकायुक्त ने जाल बिछाकर आरोपी को पकड़ा, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में केस दर्ज।
मध्यप्रदेश के धार जिले में लोकायुक्त पुलिस ने एक आरक्षक को रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़ा है। आरोपी आरक्षक थाना सरदारपुर की चौकी रिंगनोद पर पदस्थ है। शिकायत के मुताबिक आरक्षक ने एक युवक से पहले 20 हजार रुपए नकद लिए और बाद में 30 हजार की और मांग कर रहा था। इस पूरे मामले की शिकायत पीड़ित ने लोकायुक्त इंदौर से की, जिसके बाद टीम ने कार्रवाई करते हुए आरक्षक को पकड़ लिया।
मामला क्या है?
ग्राम बिमरोड निवासी 25 वर्षीय कमल भूरिया ने लोकायुक्त में शिकायत दर्ज कराई थी। उसका कहना था कि उसका भाई कालू गांव के ही लल्लू की नातिन को लेकर भाग गया था। इस मामले की शिकायत लल्लू ने थाने में कर दी थी। बाद में पंचायत बैठी और पंचायत ने परिवार पर जुर्माना लगाया। पंचायत ने आदेश दिया कि लड़की को वापस किया जाए और 1 लाख 60 हजार रुपए लल्लू को दिए जाएं।
परिवार ने लड़की को वापस कर दिया और साथ ही 50 हजार रुपए भी पंचायत के सामने दे दिए। बाकी रकम किस्तों में देने की बात तय हुई और दोनों पक्षों ने आपसी सहमति से कोर्ट में राजीनामा भी कर लिया। थाने में भी पंचायत और परिवार ने मिलकर लड़की को पेश किया और समझौते की जानकारी दी।
आरक्षक ने बनाया दबाव
शिकायतकर्ता कमल भूरिया का आरोप है कि इसके दूसरे ही दिन, यानी 31 अगस्त 2025 को थाना रिंगनोद में पदस्थ आरक्षक अशोक मौर्य ने उसे और गांव के ही शंभू को थाने में बुलाया। वहां आरक्षक ने धमकाते हुए कहा कि अभी मामले की पुलिस कार्रवाई बाकी है। अगर उसे 50 हजार रुपए नहीं दिए गए तो सभी को जेल भेज देगा।
कमल के मुताबिक, आरोपी ने दबाव बनाकर मौके पर ही उससे 20 हजार रुपए नकद ले लिए और साथ ही उसकी बाइक और मोबाइल फोन भी अपने पास रख लिए। आरक्षक ने कहा कि बाकी के 30 हजार रुपए देने पर ही गाड़ी और मोबाइल वापस करेगा।
लोकायुक्त से की शिकायत
इस वसूली और धमकी से परेशान कमल ने सीधे लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक इंदौर, राजेश सहाय को शिकायत दी। लोकायुक्त टीम ने जांच के बाद पाया कि आरक्षक अशोक मौर्य वाकई में शेष 30 हजार रुपए की रिश्वत मांग रहा है।
इसके बाद 3 सितंबर 2025 को लोकायुक्त टीम ने जाल बिछाया। जब आरोपी ने शिकायतकर्ता से रिश्वत के 30 हजार रुपए मांगे, तभी टीम ने मौके पर उसे दबोच लिया।
भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में केस दर्ज
लोकायुक्त पुलिस ने आरोपी आरक्षक अशोक मौर्य के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) अधिनियम 2018 की धारा 7 के तहत मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। फिलहाल आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है और उससे पूछताछ की जा रही है।
आम लोगों में चर्चा
गांव और इलाके में इस कार्रवाई की चर्चा तेज है। लोग कह रहे हैं कि पंचायत और दोनों पक्षों के राजीनामे के बाद भी पुलिसकर्मी द्वारा रिश्वत मांगना बेहद शर्मनाक है। वहीं लोकायुक्त की इस कार्रवाई से आम लोगों का भरोसा मजबूत हुआ है कि भ्रष्टाचार करने वालों पर अब शिकंजा कस रहा है।