- किसानों की खाद समस्या पर विधायक और कलेक्टर में तीखी नोकझोंक
- समर्थकों ने लगाए कलेक्टर चोर के नारे, विधायक ने दिखाया गुस्सा
- प्रभारी मंत्री की दखल के बाद खत्म हुआ धरना, कांग्रेस ने साधा निशाना
मध्य प्रदेश के भिंड जिले में बुधवार को उस समय हालात बिगड़ गए जब Bhind Collector vs MLA विवाद खुलकर सामने आ गया। दरअसल, जिले में किसानों को खाद नहीं मिल रही थी और इसी मुद्दे पर विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाह कलेक्टर संजीव कुमार श्रीवास्तव से मिलने पहुंचे। लेकिन मुलाकात बातचीत की जगह गरमागरमी में बदल गई और दोनों के बीच तीखी नोकझोंक हो गई।
किसानों की परेशानी से शुरू हुआ विवाद
भिंड जिले के किसान कई दिनों से खाद की किल्लत झेल रहे हैं। सरकारी बयान भले ही यह कहते रहे हों कि खाद पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है, लेकिन किसानों को सही समय पर खाद नहीं मिल पा रहा। इसी समस्या को लेकर विधायक कुशवाह किसानों के साथ कलेक्टर से मिलने पहुंचे थे।
शुरुआत में बातचीत सामान्य रही, लेकिन जैसे-जैसे किसानों की नाराजगी सामने आती गई, माहौल बिगड़ने लगा। विधायक ने कलेक्टर पर किसानों की समस्याओं को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया।
कलेक्टर और विधायक आमने-सामने
खाद विवाद के बीच मामला तब और बढ़ गया जब कलेक्टर संजीव कुमार श्रीवास्तव ने विधायक से कहा कि वह “रेत चोरी” नहीं होने देंगे। यह सुनते ही विधायक भड़क गए और गुस्से में कलेक्टर की तरफ बढ़े। इस दौरान कलेक्टर ने उंगली उठाई तो विधायक ने मुक्का बना लिया और हाथ उठाने की कोशिश की। हालांकि मौके पर मौजूद सुरक्षा कर्मियों ने हालात संभालते हुए मामला हाथापाई तक नहीं पहुंचने दिया।
इस दौरान विधायक के समर्थक नारेबाजी करते रहे और कलेक्टर को “चोर” बताते रहे।
विधायक का धरना और पुलिस की दखल
विवाद बढ़ने के बाद विधायक समर्थकों के साथ कलेक्टर के बंगले के बाहर धरने पर बैठ गए। धरना खत्म करवाने के लिए एडीएम और पुलिस अधिकारियों को मौके पर पहुंचना पड़ा। अधिकारियों ने विधायक को समझाने की कोशिश की, लेकिन समर्थक इस बात पर अड़े रहे कि जब तक कलेक्टर को हटाया नहीं जाएगा, धरना खत्म नहीं होगा।
प्रभारी मंत्री की एंट्री से सुलझा मामला
धरना तब खत्म हुआ जब प्रदेश के प्रभारी मंत्री प्रहलाद पटेल ने खुद फोन पर विधायक से बात की और मामले को शांत कराया। इसके बाद विधायक अपने समर्थकों के साथ धरने से उठ गए।
पुराना विवाद भी आया सामने
बताया जा रहा है कि विधायक और कलेक्टर के बीच यह पहली बार विवाद नहीं हुआ है। रेत खदानों को लेकर दोनों के बीच पहले से ही टकराव चल रहा है। कलेक्टर के सख्त रुख के कारण कई खदानें बंद हैं और यही कारण है कि विधायक लंबे समय से नाराज हैं।
कांग्रेस का हमला
इस पूरे मामले पर कांग्रेस ने सरकार को घेरा है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि यह विवाद खुद बता रहा है कि भाजपा सरकार का प्रशासन कितना भ्रष्ट है। उन्होंने कहा कि “हम पहले से कहते थे कि मोहन सरकार का मिशन 50 प्रतिशत से ज्यादा हो कमिशन। आज उनके ही विधायक कलेक्टर से भिड़कर यह बात साबित कर रहे हैं।”
सवालों के घेरे में सरकार
अब सवाल उठ रहा है कि जब सरकार कह रही है कि खाद की कोई कमी नहीं है, तो फिर विधायक किसानों के साथ कलेक्टर से भिड़ने क्यों पहुंचे? यह विवाद साफ दिखाता है कि किसानों की समस्याएं जमीनी स्तर पर अब भी बनी हुई हैं।