- अमेरिकी टैरिफ से ₹150 करोड़ के ई-बाइक एक्सपोर्ट पर असर
- पीएम मोदी के साथ खड़े रहे बिजनेसमैन कुणाल गुप्ता
- अब यूरोप और ऑस्ट्रेलिया में तेज़ी से विस्तार की तैयारी
ई-बाइक इंडस्ट्री के जाने-माने बिजनेसमैन कुणाल गुप्ता ने साफ कह दिया है कि भले ही अमेरिकी टैरिफ (आयात शुल्क) ने उनके एक्सपोर्ट बिजनेस को नुकसान पहुंचाया हो, लेकिन वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मजबूती से खड़े हैं। उनका कहना है कि 2025 का भारत अब किसी के दबाव में आने वाला नहीं है।
कुणाल गुप्ता ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा —
“हमने इस साल ₹150 करोड़ के ई-बाइक एक्सपोर्ट का लक्ष्य रखा था, जिसमें ₹100 करोड़ से ज़्यादा सिर्फ अमेरिका को भेजने का प्लान था। लेकिन टैरिफ ने काफ़ी असर डाला है। इसके बावजूद हम पीएम मोदी के साथ हैं। मुझे पूरा भरोसा है कि दूसरे बड़े एक्सपोर्टर भी ऐसा ही समर्थन कर रहे होंगे।”
उन्होंने आगे कहा —
“यह नया भारत है, जिसे कोई धमका नहीं सकता। अब हम गियर बदल रहे हैं और यूरोप, ऑस्ट्रेलिया और अन्य बाजारों में तेज़ी से एक्सपोर्ट बढ़ाने की तैयारी कर रहे हैं।”
अमेरिकी टैरिफ का असर
अमेरिका दुनिया का एक बड़ा ई-बाइक मार्केट है और भारतीय कंपनियों के लिए वहां एक्सपोर्ट करना हमेशा से फायदेमंद रहा है। लेकिन हाल ही में अमेरिका ने कुछ कैटेगरी के ई-बाइक्स और कंपोनेंट्स पर टैरिफ बढ़ा दिए हैं।
इसका सीधा असर कीमतों और डिमांड पर पड़ा है। कुणाल गुप्ता की कंपनी भी इससे अछूती नहीं रही। उन्होंने खुलकर माना कि प्लान किए गए ₹100 करोड़ के ऑर्डर्स पर असर पड़ा है।
सरकार को खुला समर्थन
अक्सर बिजनेस कम्युनिटी मुश्किल वक्त में सरकार की नीतियों पर सवाल उठाती है, लेकिन कुणाल गुप्ता का रुख बिल्कुल अलग है। उन्होंने साफ कहा कि यह समय “देश के साथ खड़े होने” का है, न कि पीछे हटने का।
उनका मानना है कि भारत की मौजूदा आर्थिक नीति, मेक इन इंडिया और निर्यात बढ़ाने की दिशा में जो कदम उठाए जा रहे हैं, वो लंबे समय में फायदेमंद साबित होंगे।
नया फोकस: यूरोप और ऑस्ट्रेलिया
अमेरिकी टैरिफ के झटके के बाद कुणाल गुप्ता ने नए मार्केट्स पर फोकस करना शुरू कर दिया है। उन्होंने यूरोप, ऑस्ट्रेलिया और अन्य देशों में डीलरों और डिस्ट्रीब्यूटर्स के साथ बातचीत तेज़ कर दी है।
यूरोप पहले से ही ई-बाइक्स के लिए बड़ा और बढ़ता हुआ बाजार है। वहीं, ऑस्ट्रेलिया में भी ग्रीन मोबिलिटी की डिमांड तेजी से बढ़ रही है।
2025 का नया भारत
कुणाल गुप्ता के बयान में एक बात साफ झलकती है — वो है आत्मनिर्भर भारत और आत्मविश्वास। उनका कहना है कि भारत अब व्यापारिक दबाव या विदेशी नीतियों से डरकर अपने लक्ष्य नहीं छोड़ेगा।
वे इसे 2025 के “नए भारत” की पहचान मानते हैं, जहां इंडस्ट्री, सरकार और आम लोग एक साथ खड़े होकर चुनौतियों का सामना करते हैं।
सोशल मीडिया पर मिली प्रतिक्रिया
कुणाल गुप्ता के इस बयान को सोशल मीडिया पर काफी समर्थन मिला है। कई यूजर्स ने उनकी तारीफ करते हुए लिखा कि ऐसे ही बिजनेसमैन देश की अर्थव्यवस्था को आगे ले जाएंगे। कुछ लोगों ने उन्हें “विजनरी लीडर” भी कहा।
चुनौती को अवसर में बदलने का जज़्बा
अमेरिकी टैरिफ ने जरूर भारतीय ई-बाइक एक्सपोर्टर्स के लिए मुश्किलें बढ़ाई हैं, लेकिन कुणाल गुप्ता जैसे कारोबारी इस चुनौती को अवसर में बदलने के लिए तैयार हैं। उनका यूरोप और ऑस्ट्रेलिया की ओर कदम बढ़ाना इसी का हिस्सा है।
उनका संदेश साफ है — “नया भारत किसी से दबकर नहीं, बल्कि आगे बढ़कर जवाब देगा।”