- MP विधानसभा का मानसून सत्र तय समय से दो दिन पहले स्थगित
- एक ही दिन में 8 विधेयक पास कर रचा गया ऐतिहासिक रिकॉर्ड
- CM मोहन यादव ने सिंचाई का लक्ष्य 100 लाख हेक्टेयर तक बढ़ाने का ऐलान किया
MP Vidhansabha: मध्य प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र बुधवार, 6 अगस्त को तय समय से दो दिन पहले ही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। विधानसभा में सभी अहम विधायी, वित्तीय और जनहित से जुड़े काम समय से पहले पूरे कर लिए गए थे, जिसके चलते यह निर्णय लिया गया।
इस सत्र के आखिरी दिन विधानसभा में एक ऐतिहासिक रिकॉर्ड भी दर्ज हुआ – जब एक ही दिन में 8 विधेयक चर्चा के बाद पास किए गए।
एक दिन में 8 बिल पास होने का ऐतिहासिक रिकॉर्ड
विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने इस उपलब्धि को ऐतिहासिक बताया और कहा कि ऐसा पहली बार हुआ है जब एक ही दिन में इतने बिल पास हुए हैं। उन्होंने सभी विधायकों को समयबद्ध सहयोग के लिए धन्यवाद दिया।
8 दिन चला मानसून सत्र, पास हुआ पहला अनुपूरक बजट
इस बार मानसून सत्र कुल 8 बैठकों का रहा, जिसमें 2025-26 के लिए पहला अनुपूरक बजट भी पास किया गया। इसके साथ ही एक नई परंपरा की शुरुआत भी देखने को मिली।
सदन में पहली बार पूर्व मुख्यमंत्रियों और विधानसभा अध्यक्षों को याद किया गया और उनके परिजनों को बुलाकर श्रद्धांजलि दी गई। इस मौके पर विभाजन से पहले के मध्य प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री पंडित रविशंकर शुक्ल, पूर्व मुख्यमंत्री द्वारका प्रसाद मिश्रा और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गुलशेर अहमद को याद किया गया। उनके परिजन भी इस श्रद्धांजलि समारोह में मौजूद रहे।
सिंचाई को लेकर CM मोहन यादव का बड़ा ऐलान
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सदन की कार्यवाही के सुचारू संचालन के लिए विधानसभा अध्यक्ष की सराहना की। साथ ही उन्होंने प्रदेश की सिंचाई व्यवस्था को लेकर बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि उनकी सरकार का लक्ष्य मौजूदा 52 लाख हेक्टेयर सिंचित क्षेत्र को बढ़ाकर 100 लाख हेक्टेयर तक ले जाना है।
उन्होंने बिना किसी सरकार का नाम लिए कहा कि पिछले 55 वर्षों में केवल 7.5 लाख हेक्टेयर में सिंचाई सुविधा पहुंची थी, जबकि उनकी सरकार ने सिर्फ डेढ़ साल में ही इतनी ही ज़मीन को सिंचाई सुविधा से जोड़ दिया है।
विपक्ष की दो बड़ी मांगें
सदन में विपक्ष के नेता उमंग सिंघर ने दो बड़ी मांगें रखीं –
- विधायक निधि को ₹2 करोड़ से बढ़ाकर ₹5 करोड़ किया जाए।
- विधानसभा की कार्यवाही का सीधा प्रसारण शुरू किया जाए ताकि जनता सीधे देख सके कि उनके प्रतिनिधि क्या मुद्दे उठा रहे हैं।
इन मांगों पर प्रतिक्रिया देते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने एक समिति गठित करने का सुझाव दिया, जिस पर मुख्यमंत्री ने भी सहमति जताई। इस समिति में विपक्ष के नेता, वित्त मंत्री और सत्ता पक्ष के एक अन्य विधायक को शामिल किया जाएगा जो इन दोनों मुद्दों पर विचार करेंगे।
कैलाश विजयवर्गीय ने किया समापन का ऐलान
संसदीय कार्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने सदन को जानकारी दी कि सभी निर्धारित कार्यवाही पूरी हो चुकी है। इसके बाद उन्होंने सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने का प्रस्ताव रखा, जिसे सभी सदस्यों ने मेज थपथपाकर समर्थन दिया।