- शिव महापुराण कथा में श्रद्धालुओं की भारी भीड़, पहले दिन ही पंडाल हुआ खचाखच।
- चिन्मयानंद बापू बोले – शिव परिवार हर घर के लिए है एक आदर्श और प्रेरणा।
- श्रावण और अधिक मास में कथा सुनने से मिलते हैं कई गुना पुण्य फल।
मध्य प्रदेश के खंडवा में श्री शिव महापुराण कथा की शुरुआत भवानी माता मंदिर परिसर में श्रद्धा और भक्ति के माहौल के साथ हुई। कथा के पहले दिन पूज्य चिन्मयानंद बापू ने भगवान शिव के परिवार को “एक आदर्श और संगठित परिवार” का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि शिव परिवार हमें सिखाता है कि कैसे एक-दूसरे से भिन्न होकर भी प्रेम और एकता के साथ जिया जा सकता है।
बापू ने बताया कि शिव जी का वाहन नंदी बैल है और माता पार्वती का वाहन सिंह। दोनों बिल्कुल अलग हैं, फिर भी उनमें आपसी प्रेम और सम्मान की भावना है। इसी तरह भगवान गणेश और भगवान कार्तिकेय भी अलग स्वभाव के हैं, लेकिन सब एक साथ रहते हैं, यही असली परिवार होता है।
बापू बोले, “आजकल लोग पैसों की दौड़ में इतने उलझ गए हैं कि अपने परिवारों को समय नहीं दे पा रहे। नतीजा ये है कि रिश्तों में दूरी और परिवारों में बिखराव आ गया है। जबकि हमें शिव परिवार से यह सीखनी चाहिए कि हर सदस्य पूजनीय होता है, चाहे वो शिव जी के गले का सर्प ही क्यों न हो।”
संस्कारों से ही घर बनता है मंदिर
बापू ने कथा के दौरान कहा कि अगर हम चाहते हैं कि हमारा घर भी शिव परिवार की तरह प्रेम और शांति से भरा रहे, तो हमें अपने बच्चों को अच्छे संस्कार देने होंगे। ऐसे संस्कार जो उन्हें सनातन धर्म से जोड़ें और समाज में धर्म का प्रचार करने की प्रेरणा दें।
उन्होंने सभी श्रद्धालुओं से अपील की कि कथा में शामिल होते वक्त मस्तक पर तिलक और हाथ में कलावा जरूर बांधें। ये सिर्फ धार्मिक प्रतीक नहीं, बल्कि हमारी पहचान हैं। उन्होंने कहा, “दूसरे धर्मों के लोग हमारी सरलता का फायदा उठा लेते हैं, इसलिए हर सनातनी को चाहिए कि वह गर्व से अपने धर्म और संस्कृति का पालन करे।”
श्रावण मास और अधिक मास का विशेष महत्व
बापू ने बताया कि यह कथा श्रावण मास में आयोजित हो रही है, जो कि भगवान शिव का प्रिय महीना है। इस बार अधिक मास भी चल रहा है, ऐसे में इस महीने में किया गया हर पुण्य कार्य कई गुना फल देने वाला होता है। उन्होंने सभी श्रद्धालुओं से अनुरोध किया कि इस शुभ अवसर पर अधिक से अधिक संख्या में शिव महापुराण कथा में शामिल हों और भगवान भोलेनाथ की आराधना करें।
किशोर कुमार को भी किया याद
कथा के प्रथम दिन बापू जी ने व्यासपीठ से अपने गुरुजनों को प्रणाम किया और खंडवा की धरती पर जन्मे भारत रत्न समान गायक किशोर कुमार को भी श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि खंडवा की भूमि सिर्फ धार्मिक ही नहीं, सांस्कृतिक रूप से भी बेहद समृद्ध है।
कथा का समय और आयोजन की जानकारी
श्री शिव महापुराण कथा का आयोजन 7 अगस्त तक प्रतिदिन शाम 4:00 बजे से 7:00 बजे तक किया जा रहा है। भवानी माता मंदिर परिसर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहले दिन ही मौजूद रहे। आयोजक ट्रस्ट की ओर से खंडवा शहर के सभी श्रद्धालुओं से अनुरोध किया गया है कि वे इस आध्यात्मिक आयोजन का हिस्सा बनें और भगवान शिव की कृपा प्राप्त करें।